वो ना दिखे; ना सही, उसकी परछाई दिखा दो ।
वो बात करे ना करे, मेरी उस से बात करा दो ।।घर में मेरे रोशनदान नहीं है; अंधेरे में चल रही है ज़िंदगीआसमां से सूरज तोड़ कर लाओ; मेरे घर में लगा दो ।।टूट गया दिल ये मेरा अब जुड़ने से तो रहाकोशिश करो जुड़ जाए तो इसे सजावटी खिलौना बना दो।।मेरे प्यार में उसकी हाज़िरी कम है; उसे बुलाओसज़ा दो उसको ; मुर्गा बना दो ।।क्या लिखूं इश्क़ पर मेरे कुछ समझ नहीं आतामेरी कलम ले जाओ और उसके कदमों में झुका दो ।।मिले "प्रीत" से अर्सा हो गया अब रहा नहीं जाताया तो मुझे उस से मिला दो या मिट्टी में मिला दो ।।......प्रीत.....

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