नाराज़गी
चांद खफा है मुझसे
रात के अंधेरे में जुग्नुओं से मेरे घर में उजाला होता है ।।
यही चांद जो रोज़ थोड़ा थोड़ा कर के लुप्त होता है
मेरे महबूब की नाराज़गी का इशारा होता है ।।
बड़ा असमंजस है क्या करें?? आप ही बताएं
ये इत्तेफ़ाक़ कुछ अजीब सा है ।।
उसकी फ़िक्र करो तो उसे तकली़फ होती है
मेरे फ़िक्र ना करने पर भी वह शक्स परेशान होता है ।।
रिश्ता सही हो तो ज़िंदगी संवर जाती है;
गलत इंसान से रिश्ता शायरी संवार देता है ।।
शायर का रिश्ता हर ओर से बेमिसाल होता है ।।
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