बेटियां



सर्द मौसम में सुबह की धूप होती हैं
पिता का गर्व मां का प्रतिरूप होती हैं।।

सैन्य पराक्रम हो या अंतरिक्ष
हर वर्ग में हो रही ये शिक्षित ।।
मर्दों को चूड़ियां पहना कर 
घर बार चलाती हैं
फिर भी गर्दिश में रह जाती हैं।।

नाज़ुक दिल की ; मासूम सी होती हैं
खुदा की रहमत से भरपूर  होती है।।
इनके होने से जन्नत बनता मकान है।।
यही बनाती सफल हमारा संसार है ।!

हर तरह से विकसित होती हैं
ना जाने फिर भी क्यों रोती हैं
कहीं कोख में मर जाती हैं
कहीं हैवानियत उन्हें नोच लेती है।।

हमें करना इनका सम्मान है ।।
इनके होने से ही बढ़ता हमारा मान है।।
ना बेटी को मारे ना उसके अरमानों को
फांसी दो उन शैतानों को 
जो सोचे इनके बारे ग़लत
जो करे इनके साथ गलत।।

 .......प्रीत..........