यादें तेरी |
तुझे इतना मांगा दुआओं में
कि खुदा भी परेशान हो गया।।
कल से तुझे भूल जाऊंगा यह कहते कहते
मुझे एक और साल हो गया।।
तेरे जाने के बाद तेरी यादों का सैलाब
कुछ यों उमड़ कर आया।।
मैं इतना रोया कि
समन्दर भर गया।।
तुझे देने के लिए जो मैं खास चुनकर लाया था
किताब में पड़े पड़े वो गुलाब सूख गया।।
ये कायनात; ये फिज़ा ये बहारें
तेरे बिन मुझसे हर कोई रूठ गया।।
किसे क्या बताएगा " प्रिंस "
ज़िंदगी का फ़लसफ़ा
जिसके लिए जीते थे
वही मौत दे गया।।
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