दिल दिया था मैंने उसे वो खिलौना समझ खेलता रहा ।।
उसने ज़ुल्म पर ज़ुल्म किए मैं उसे प्यार समझ झेलता रहा।।
इक हम है जो उसके दीदार को तरस गए
वो हमें देख हर दफा मूंह फेरता रहा ।।
वो इकरार ए इश्क़ कर किनारे को चला गया
मैं इश्क़ के दरिया में अकेला तैरता रहा ।।
वो मेरा होते होते किसी और का हो गया
मैं खामोशी से उसे रंग बदलते देखता रहा
Maine dil diya tha use vo khilona samjh kr khelta rha
vo julm pe julm krta rha me pyaar samjh jhelta rha
ik ham hai jo uske deedar ko taraste rhe
ik vo hai jo hame dekh kr mooh ferta rha
ikraar ae ishq kr vo kinare chla gaya
ishq k dariya me main akela terta raha
mera hote hote khamoshi se ho gaya vo kisi aur ka
me khamoshi se use rang badlte dekhta raha

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