लोग कहते हैं, मैं हर पल हंसता हूं
मुझसे आकर पूछो पल पल कितना मरता हूं !!
खुदा कहां रहता है नहीं जानता, मैं यार को जानता हूं
उसी की इबादत, उसी की पूजा, उसी को सजदा करता हूं !!
मेरा सबकुछ तो लूट लिया तुमने अब क्या चाहिए ??
दो गज ज़मीं बचाई थी मेरी चिता को, तुम्हारे नाम करता हूं
जो होता सबकुछ मेरा ही, मैं ताउम्र लिखता
जो सब तबाह हो गया, अपनी कलम को भी श्मशान करता हूं ।।
मेरी मौत के बाद मेरे पीछे रोने वाला कोई नहीं रहा "प्रीत"
यही सोच सोच कर में रात रात भर रोया करता हूं !!

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